मोहित सोनी
आष्टा। स्थानीय कृषि उपज मंडी परिसर में व्याप्त गंदगी और दुकानों के सामने कूड़े कचरे के बदबू मार रहे ढेर अब मंडी प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल रहे हैं। ऐसा भी नहीं हे की मंडी प्रशासन द्वारा सफाई का ठेका दिया हुआ नही है, किंतु प्रशासन की लापरवाही कहे या स्वार्थ की लोलुपता मंडी परिसर में व्याप्त गंदगी और कचरे के शायद कोई सरोकार ही नहीं हे। वरना क्या कारण हो सकता हे की लाखो रुपए महीने में दिया सफाई का ठेका होकर भी मंडी परिसर में व्यापार कर रहे व्यापारी दुकानों के सामने लगे कचरे के ढेर और बदबू मार रही बेसुमार गन्दगी ने व्यापारी का व्यापार करना दुभर कर दिया हे और ठेकेदार बगैर सफाई करे ही धन अर्जित कर रहा है। अब जबकि नया खरीब का सीजन शुरू हो गया है पर मंडी प्रशासन का परिसर की साफ सफाई की तरफ जरा भी ध्यान नहीं हे, और व्यापारी अपनी दुकानों के सामने लगे गंदगी वा कचरे के ढेरो से परेशान होकर व्यापार नहीं कर पा रहा है,
आश्चर्य हो रहा है की इस समय जबकि पूरा देश स्वच्छता पखवाड़ा मना रहा हे और गांधी जी के स्वच्छता के सपने को साकार करने के लिए देश के प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को पूरा देश सार्थक करने में लगा हुआ हे, और आष्टा मंडी परिसर में व्याप्त गंदगी देख कर ऐसा लग रहा है मानो मंडी प्रशासन को शायद स्वच्छता अभियान से कोई लेना देना नही है? वर्ना क्या वजह हो सकती है की लाखो रुपयों में दिया सफाई के ठेका होने के बाद भी प्रांगण पूरी तरह से कूड़े कचरे और गंदगी से लबरेज है, जबकि लाखो रूपये महीना सफाई ठेकेदार बिंदास प्राप्त कर रहा है।