असंतुष्ट खेमे को साधना भाजपा के लिए हो सकती है बड़ी चुनौती
प्रणित शुक्ला
बालाघाट:मध्यप्रदेश में शनिवार 21 अक्टूबर से विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन अधिसूचना जारी होते ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है।ऐसे में राजनैतिक पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी है।भारतीय जनता पार्टी ने भी शनिवार दोपहर बाद प्रत्याशियों की 5 वी सूची जारी कर दी है।जिसमे वारासिवनी खैरलांजी क्षेत्र से हाल ही में भाजपा में शामिल हुए प्रदेश के पूर्व खनिज मंत्री और निर्दलीय विधायक प्रदीप गुड्डा जायसवाल को प्रत्याशी बनाया गया है।प्रदीप जायसवाल को भाजपा की टिकिट मिलने पर जय स्तंभ चौक स्थित जनसंपर्क कार्यालय में उनके साथियों ने शांतिपूर्ण रूप से एक दूसरे को मिठाई खिलाकर अपनी खुशी जताई वही प्रदीप जायसवाल ने जनसंपर्क को ज्यादा महत्वपूर्ण बताया।गौरतलब है कि प्रदीप गुड्डा जायसवाल 3 बार कांग्रेस की टिकिट पर और वर्ष 2018 में निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक रहे है।कांग्रेस सरकार को समर्थन देकर वे खनिज संसाधन मंत्री बनाए गए थे।यह पहला अवसर था जब वारासिवनी को प्रदेश सरकार के कैबिनेट में स्थान मिला हों।कांग्रेस सरकार गिर जाने के बाद प्रदीप जायसवाल ने भाजपानीत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार को समर्थन दिया।भाजपा सरकार द्वारा उन्हें खनिज विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया था।हाल ही में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।
असंतुष्ट खेमे को साधना भाजपा के लिए हो सकती है बड़ी चुनौती
भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाने पर प्रदीप जायसवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित भाजपा संगठन का आभार जताया है।प्रदीप जायसवाल ने कहा कि भाजपा सरकार एवं प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को समर्थन देकर पिछले साढ़े 3 वर्ष में मेरे द्वारा वारासिवनी खैरलांजी क्षेत्र मे जो विकास कार्य करवाए गए है उसी अनुभव व सर्वे के आधार पर पार्टी द्वारा मुझे प्रत्याशी बनाकर मुझ पर भरोसा जताया गया है।प्रदीप जायसवाल ने कहा कि राजनीति मे कोई गुरू और शिष्य नही होता प्रत्याशी का अपना एक प्रभुत्व होता है, चुनाव मे सभी स्वतंत्र होते है और चुनाव मे जनता जिसको पसंद करे वही निर्णय सर्वमान्य होता है।कांग्रेस द्वारा खुद को बिकाउ प्रत्याशी होने के आरोप पर प्रदीप जायसवाल ने कहा कि ये अपनी – अपनी सोच होती है, जो जिस स्तर पर सोचता वह वैसे विचार रखेगा , मै अगर बुरा हूॅ ये जनता खुद सोच लेंगी जनता समझदार है, जो खुद बिके हूए है वे दूसरे पर सवाल उठा रहे है जबकि प्रदीप जायसवाल क्षेत्र के विकास और जनता के प्रेम के लिए बिका हूआ है, मै अंतिम तक निर्दलीय था , लेकिन कुछ नेताओं की सोच चौथी फेल जैसी होती है, उन्होने बिकाऊ का बयान देने वालों पर हमला बोलते हूए कहा कि बिकाउ वे लोग है जो ट्रेक्टर को छोड़ कर भागे है।प्रदीप जायसवाल ने यह भी कहा कि राजनीति मे राजनैतिक विरोध होता है व्यक्तिगत विरोध नही होता , भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे टिकिट दी है।पार्टी के प्रथम और द्वितीय लाईन के सभी नेताओ से मेरे अच्छे सबंध रहे है, पिछले तीन महीने मे जितना विरोध था अब कम हो गया है, पहले 100 प्रतिशत लोग विरोध मे थे वर्तमान परिवेश मे 10 प्रतिशत हो गए , जो विरोध है वह चुनाव आते तक सामान्य हो जाएगा सभी एक साथ खडे रहकर चुनाव लड़ेगे।फिलहाल प्रदीप जायसवाल के भाजपा में शामिल होते ही लंबे समय से विरोध का स्वर आलाप रहे पार्टी के पूर्व विधायक डॉ योगेंद्र निर्मल पूर्व विधायक ओंकार सिंह बिसेन छगन हनवत निरंजन बिसेन पुष्पा बिसेन दीप चौहान नरेंद्र शुक्ला सहित कई कार्यकर्ताओ का विरोध अब सतह पर आने लगा है।ऐसे में चुनाव से ठीक पहले पार्टी के असंतुष्ट खेमे को साधना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।