Home » नेताओ को 5 साल में 1 बार ही आती है कार्यकर्ताओ की याद: मनोज लिल्हारे
मध्य प्रदेश

नेताओ को 5 साल में 1 बार ही आती है कार्यकर्ताओ की याद: मनोज लिल्हारे

हजारों कार्यकर्ताओ के साथ आज भरा निर्दलीय नामांकन

प्रणित शुक्ला

बालाघाट:वारासिवनी में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू होते ही चुनाव प्रचार पूरे शबाब पर है।वही राष्ट्रीय दलों के साथ साथ बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में उतर गए है।डोंगरमाली के बाहुबली सरपंच मनोज लिल्हारे ने भी गुरुवार को अपने हजारों समर्थको के साथ एसडीएम कार्यालय पहुंचकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन पत्र का दाखिल कर दिया है।नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले मनोज लिल्हारे अपने समर्थको के साथ रामपायली रोड स्थित साई लान पहुंचे जहा से मनोज ने खुली जिप्सी मे सवार होकर अपने समर्थको के साथ भव्य रैली निकाली जो कि गोलीबारी चौक नेहरू चौक जय स्तंभ चौक होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंची जहा मनोज ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान भाजपा के वयोवृद्ध नेता रतिराम लिल्हारे मनोज के साथ मौजूद रहे।

नेताओ को 5 साल में 1 बार आती है कार्यकर्ताओ की याद: मनोज लिल्हारे

मीडिया से चर्चा करते सरपंच मनोज लिल्हारे ने हूए कहा कि मैने आज कोई शक्ति प्रदर्शन नही दिखाया है ये सबका जनता का प्यार है, हर पार्टी ने अपने विकास कार्य और वादे बताए है लेकिन हम जनता द्वारा बताए गए मुद्दों व तय विकास कार्यों को पूरा करेंगे।भारतीय जनता पार्टी से ताल्लुक रखने वाले सरपंच मनोज लिल्हारे भाजपा के ग्रामीण मंडल व ओबीसी संगठन में पदाधिकारी भी है।और वो कुछ दिन पूर्व पवार मंगल भवन में हुई बीजेपी कार्यकर्ताओ की बैठक में भी शामिल हुए थे।मनोज ने कहा मै किसी पार्टी के संगठन और प्रत्याशीयों के दबाव में नही आने वाला हु।मै जब राजनीति मे आया तो मुझे पता चला समझ कि जमीनी स्तर पर काम करने वाला कार्यकर्ता कितना प्रताड़ित होता है।उनके तरफ ध्यान देने वाला कोई नही होता, हर कोई अपनी रोटी सेकता है।जब 5 साल बीत जाते है तब जाकर नेताओ को कार्यकर्ताओं की याद आती है,जब मै मेरे इन साथी कार्यकर्ताओ के लिए आगे आया तब कही जाकर आज ये काफिला जुड़ा है।जब अपने निहित स्वार्थ के लिए राष्ट्रीय दलों के नेता इधर से उधर हो सकते है,तो कार्यकर्ता क्यो नही! क्या कार्यकर्ता सिर्फ और सिर्फ वोट दिलाने के लिए ही होते है।मनोज ने कहा कि हमने भोपाल जाकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को अपनी बातो से पूर्व में ही अवगत करा दिया है और उनसे आर्शीवाद मांगकर उन्हे ससम्मान यह बता चुके है वे हमारे पास ना आए हमने शंखनाद कर दिया है।और हम पीछे हटने वाले नही। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व ही पवार मंगल में आयोजित बीजेपी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में भाजपा नेता और पूर्व विधायक डॉ योगेंद्र निर्मल के निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा हो गई थी।इस बैठक में मौजूद रहने के बावजूद मनोज लिल्हारे का निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरना कही न कही बीजेपी के असंतुष्ट धड़े में चल रही वर्चस्व की लड़ाई को प्रदर्शित करती है।भाजपा में बगावत की यह चिंगारी यहां थमती नजर नहीं आ रही है।भाजपा से जुड़े मनोज टेंभरे भी निर्दलीय नामांकन दाखिल करने की तैयारी में है ऐसे में अनुशासन के लिए पहचाने जाने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए बगावत का बिगुल फूंक रहे कार्यकर्ताओ को समझा पाना एक बड़ी चुनौती हो सकती है।