सुशासन संस्थान के आंकलन केन्द्र का शुभारंभ, जो करेगा सरकार की योजनाओं की निगरानी
भोपाल। आज जीवन डेटा आधारित हो गया है। इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। वैज्ञानिक आधार पर तैयार किया गया स्पष्ट और विश्वसनीय डेटा ही उचित परिणाम दे सकता है। सरकार की नीतियां, इसकी योजनाएं और इनसे होने वाले प्रभाव तथा इनमें किए जाने वाले संशोधन की रूपरेखा साक्ष्य आधारित डेटा से ही तैयार की जा सकती है। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण केन्द्र का आंकलन केन्द्र इसी तरह की कोशिशों को आगे बढाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात कही। वे मंगलवार को राजधानी के कुशाभाउ ठाकरे कंवेंशन हाॅल में आयोजित तथ्य आधारित सामाजिक एवं आर्थिक विकास पर आधारित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े सीएम शिवराज ने कहा कि सुशासन संस्थान में मूल्यांकन एवं प्रभाव आंकलन केन्द्र की शुरूआत से एक उज्जवल भविष्य की कल्पना की जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ आंकड़ों और सांख्यिकी के बारे में नहीं, बल्कि शिक्षा, नीति और जनता के बीच संबंध बनाने के बारे में है।
स्वास्थ्य खराब होने के कारण वर्चुअली हुए शामिल
सीएम निवास से प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह, मुकेश गुप्ता की मौजूदगी में सीएम चौहान ने कहा कि वे इस कार्यक्रम में सीधे पहुंचना चाहते थे, लेकिन स्वास्थ्य गत कारणों से नहीं आ सके। इस कार्यक्रम में लोक सेवा प्रबंधन और योजना सांख्यिकी विभाग के मंत्री अरविन्द भदौरिया, सुशासन स्कूल के उपाध्यक्ष सचिन चतुर्वेदी भी मौजूद थे। मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा कि शासन और नीति निर्माण के गतिशील परिदृश्य में सफल विकास रणनीति का आधार मजबूत और सटीक डेटा में है। मध्य प्रदेश, जिसमें संवैधानिक धरोहर और विविध जनसंख्या है, अपनी सांख्यिकीय प्रणाली को मजबूत करने के दिशानिर्देश में एक परिवर्तनात्मक यात्रा पर है। कार्यक्रम में यूनिसेफ, एशियन डेवलपमेंट बैंक, नीति आयोग आदि विभागों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। इसके अलावा प्रदेशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और डेटा आधारित काम करने वाले कई विभाग भी कार्यक्रम का हिस्सा थे।
ऐसे कोर्स शुरू करना है, जो इंपैक्ट और इवैल्यूएशन के लिए तैयार हों: प्रो. चतुर्वेदी
अटल बिहारी सुशासन संस्थान के उपाध्यक्ष सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने तय किया है कि कोई भी योजना ऐसे लागू नहीं होगी, जिसका थर्ड पार्टी इवैल्युएशन नहीं किया गया हो। इसलिए ऐसे कोर्स शुरू करना है, जो इंपैक्ट और इवैल्यूएशन के लिए तैयार हों। चतुर्वेदी ने कहा कि सुशासन संस्थान ने नए केंद्र की स्थापना की पेशकश की है, जो सरकार की योजनाओं का मूल्यांकन और उसके सामाजिक प्रभाव का आंकलन करेगा। इसमें आईआईएम इंदौर के दीपक सेठिया समेत देश के अन्य बड़े संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश में लाड़ली बहना योजना शुरू करने के पहले इसके इंपैक्ट और इवैल्यूएशन कराने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके सटीक परिणाम सामने आने पर योजना को शुरू किया गया है। आने वाले दिनों में नई योजनाओं में भी इस तरह की नीति तैयार करने में डेटा की भूमिका का ध्यान रखा जाएगा।