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मध्य प्रदेश

बदनाम लोगों के साथ जुड़े नाम बड़े, इन्हीं से होती है इनकी पहचान=बम, टोपी, बकरा, काला , टैंकर, छू जैसे नाम जुड़ गए बदमाशों के साथ

भोपाल। नामों का एक अनोखा संसार है। माता पिता, रिश्ते नातेदार, पंडित, मौलवी तो बचपन में नाम रखते हैं, लेकिन अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले या तो खुद अपना नाम रखते हैं या फिर पुलिस और पब्लिक नामकरण करती है। ये नाम भी बड़े रोचक होते हैं, जो बदमाशों की पहचान बन जाते हैं।

नाम कैसे कैसे

भोपाल में बदमाशों को ‘टोपी’,‘बम’, ‘पेंटर’, ‘काला’,‘रेडियो’, ‘बकरा’, ‘टैंकर’, ‘बघीरा’ और ‘छू’ जैसी उर्फियत से नवाजा गया है। ये उर्फियत इनके काम के आधार पर पुलिस या लोगों ने इन्हें दी है। बगैर उर्फीयत के इन डॉन को पकड़ पाना मुश्किल ही नहीं असंभव है। एफआईआर में इनके नाम के पीछे इनकी उर्फियत को दर्ज किया जाता है।

भोपाल के अपराध जगत में लिप्त बदमाशों में उर्फियत का सबसे ज्यादा चलन है। पुलिस भी इन्हें अलग-अलग पहचान देने के लिए उर्फियत का इस्तेमाल करती है।

घनश्याम तोड़फोड़ को शहर में कई सालों पहले तोड़फोड़ के नाम से जाना जाता था। घनश्याम किसी की नहीं सुनता था और सीधे तोड़फोड़ शुरू कर देता था। इसलिए उसके नाम में तोड़फोड़ जुड़ गया था। ऐसा ही एक और नाम है सचिन बच्चा। सचिन 15 साल की उम्र से ही अपराध की दुनिया से जुड़ चुका था। सचिन बचपन से ही अपराध करने लगा था, इसलिए उसे लोग सचिन बच्चा के नाम से जानने लगे।टीलाजमालपुरा निवासी राजेश छू और उसका भाई कपिल छू दोनों ही कई मर्तबा पुलिस अभिरक्षा से फरार हो चुके हैं। इसलिए उनके नाम में छू की उर्फियत जुड़ गई।

पुराने शहर के नामी बदमाश रहे मून्ने पेंटर और पप्पू पेंटर मकानों में पुताई का काम करते थे। अपराध जगत में दस्तक देने के बाद इनके नामों के पीछे पुलिस ने अपने रिकार्ड में पेंटर उर्फियत जोड़ दिया। हालांकि अब ये दुनिया में नहीं हैं। ऐसे ही जहांगीराबद के बदमाश सलीम सिक्स राउंड की जब भी गिरफ्तारी होती थी, तो उससे देशी कट्टा बरामद होता था। ऐसे में उसकी उर्फियत सिक्स राउंड हो गई। शहर के इंद्रानगर कालोनी निवासी बदमाश रईस एक दुकान पर रेडियो सुधारने का काम करता था, जिसे रेडियो टांगकर गाने सुनने का भी शौक था। अपराध जगत में आते ही उसकी उर्फियत रेडियो हो गई। उपरोक्त के अलावा ऐसे कई बदमाशों की भी अजीबों-गरीब उर्फियतें हैं। जैसे फिरोज लोटिया, फिरोज छडी, अंकित टकलू, सचिन बच्चा, इमरान कटोरा, राकेश ढक्कन, शादाब जहरीला, दीपक अद्धा, विशाल चिराटा, जावेद चिराटा, रईस कबूतर, मून्ना टार्जन, तंजिल गोटी, सोनू एंजिल, विशाल जगीरा, सलीम केला, सलीम जेके, फहीम बम आदि। इनमें से कई बदमाश जिंदा हैं तो कई दुनिया से फना हो गए हैं।