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गड्ढों मे गुम हों रही गर्रा नवेगांव मोवाड़ अंतर्राज्यीय सड़क,4 साल पहले हुआ था निर्माण,मेंटनेंस के नाम पर हुईं खानापूर्ति


प्रणित शुक्ला

बालाघाट:वारासिवनी अनुभाग के सबसे चर्चित सड़क मार्ग गर्रा नवेगांव मोवाड़ से इन दिनों गुजरना किसी जोखिम से कम नहीं है।दरअसल मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा करोड़ों की लागत से निर्मित यह अंतर्राज्यीय सड़क अब गड्ढों में गुम होती जा रही है। सड़क विकास निगम के अधिकारियों की लापरवाही व उदासीनता के चलते और मेंटेनेस के अभाव मे उक्त सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे हों गए है।पिछले 4 वर्षों मे सड़क निर्माण कंपनी द्वारा सड़क का कोई मेंटेनेंस नही किया गया है। और महज खानापूर्ति की ही की गई है।कंपनी द्वारा जगह जगह स्पीड ब्रेकर बनाकर लाखो रूपए बर्बाद किए गए है।गौरतलब है कि वारासिवनी अनुभाग को खैरलांजी के खैरी व मोवाड़ के रास्ते सीधे महाराष्ट्र से जोड़ने वाला यह मार्ग चिकित्सा व परिवहन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।इस मार्ग से तुमसर होते हुए कुछ ही घंटो में महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर तक पहुंचा जा सकता है।लंबे समय से जर्जर रही इस सड़क के निर्माण की कहानी भी बेहद दिलचस्प रही है।दरअसल इस सड़क का निर्माण कुछ वर्षो पूर्व शुरू हुआ था।उस दौरान निर्माण कंपनी द्वारा सड़क को मनमाने तरीके से खोदकर निर्माण कार्य किया जा रहा था।कुछ ही माह बाद उक्त निर्माण कंपनी काम छोड़कर चले गई जिससे लंबे समय सड़क का निर्माण अधूरा ही रहा।इस खस्ताहाल सड़क की वजह से सड़क के आसपास बसे मेंहदीवाड़ा झालीवाड़ा कौलीवाड़ा रामपायली खैरलांजी सहित दर्जनों गांव के लोगो को आवागमन मे भारी दिक्कतो का सामना करना पड़ा है।वही कई हादसे हुए तो रोड खुदी होने के चलते धुल के गुबार से भी ग्रामीणजनों को अत्यधिक परेशानी हुई।ग्रामीणों ने इस सड़क का जल्द से जल्द निर्माण करवाए जाने कई आंदोलन भी किए।और आखिरकार मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम से इस सड़क निर्माण हेतु टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ।इस सड़क के निर्माण मे जिला प्रशासन के साथ साथ वर्तमान विधायक प्रदीप जायसवाल व तत्कालीन सांसद बोध सिंह भगत का महत्वपूर्ण योगदान रहा।और निर्माण कंपनी को कई तरह की रियायत भी मिली। बावजूद इसके कंपनी ने सड़क निर्माण के बाद इस सड़क के मेंटेनेंस मे कोई रुचि नहीं दिखाई।यही वजह है कि यह सड़क आज गड्ढों मे गुम हो रही है।अगर समय रहते इस सड़क का मेंटेनेंस नही कराया जाता है तो यह सड़क अपने पुराने और जर्जर स्वरूप मे आ जाएगी।

4 साल पहले हुआ था निर्माण, मेंटेनेंस के नाम पर हुई खानापूर्ति

मध्यप्रदेश सड़क विकास द्वारा जारी इस सड़क निर्माण का टेंडर लगभग 97 करोड़ रुपए मे कल्याण टोल प्लाजा नामक कंपनी ने लिया था,लेकीन कल्याण टोल ने रामराज कंस्ट्रक्शन कंपनी को उक्त सड़क निर्माण कार्य पेटी कांटेक्ट पर दिया था।और वर्ष 2019 मे रामराज कंपनी द्वारा उक्त 47 किलोमीटर की सड़क का निर्माण पूर्ण कर लिया गया। तब से लेकर आज तक कंपनी द्वारा उक्त सड़क का कोई मेंटेनेंस नही करवाया गया।जबकि अनुबंध के अनुरूप ठेकेदार द्वारा इस सड़क का नियमानुसार मेंटेनेंस किया जाना चाहिए।लेकिन न तो ठेकेदार ने कोई मेंटेनेंस करवाया और न ही सड़क विकास निगम के अधिकारियों ने तेजी से गड्ढों मे तब्दील हो रही सड़क की ओर कभी कोई ध्यान दिया।लिहाजा इस अंतर्राज्यीय सड़क की स्थिति दिन ब दिन और जर्जर होती जा रही है।वारासिवनी नगर से गुजरी इस सड़क के किनारे बनाई गई नालियां भी स्थानीय लोगो के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।तकनीकी मापदंडो की अनदेखी और स्थानीय प्रशासन से पर्याप्त तालमेल से बनाई गई नाली शोभा की सुपारी बनी हुई है। वार्ड नंबर 4 में बनाई गई नाली में अनबने ढलाव की वजह से पानी निकासी नहीं होने से बरसात में पानी घरों मे घुस जाता है यही हाल वार्ड नंबर 1 पूर्व सांसद केडी देशमुख के घर के आगे भी है। जिस पर न तो स्थानीय प्रशासन ने कभी ध्यान दिया न सड़क विकास निगम के जिम्मेदारों ने फिलहाल यह समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कुछ ही दिनो मे सड़क निर्माण कंपनी का अनुबंध खत्म होने वाला है। ऐसे में बिना मेंटेनेंस किए निर्माण कंपनी सड़क विकास निगम के अधिकारियों से सांठगांठ कर अपनी प्रतिभूति राशि निकाल लेगी और सड़क का मेंटेनेंस करवाने के लिए शासन को अतिरिक्त बजट स्वीकृत करना पड़ जाएगा।सड़क की दुर्दशा व मेंटेंनेंस को लेकर सीएम हेल्प लाईन में शिकायत किए जाने के बाद वारासिवनी बालाघाट रोड पर बनियाटोला मे सीमेंट से गड्ढों को भरा गया है।जो कि विभागीय खानापूर्ति को साफ साफ उजागर कर रहा है।