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मध्य प्रदेश

नए चेहरे, कम मार्जिन से हारे और मौजूदा विधायक होंगे शामिल, कांग्रेस की पहली सूची अगले सप्ताह होगी जारी

भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज है। बीजेपी, बसपा और सपा ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है और अब संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस भी एक हफ्ते के अंदर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर सकती है। इसके लिए 2 सितंबर को भोपाल में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होने वाली है। स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ब्लाक से लेकर प्रदेश पदाधिकारियों से अलग-अलग चर्चा करेंगे।

इस बैठक में सर्वे रिपोर्ट के साथ ही जिलास्तर पर संगठन के पदाधिकारियों के फीडबैक पर मंथन किया जाएगा और उम्मीदवार के नामों पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। खबर है कि कमजोर और हारी हुई सीटों पर कांग्रेस पहले उन प्रत्याशी घोषित कर सकती है। वहीं जातिगत क्षेत्रीय समीकरण के आधार पर नाम तय होंगे। इसके अलावा सर्वे में जिनका नाम आगे होगा, उन्हें टिकट दिया जाएगा। सुत्रों की मानें तो इस बार 2 दर्जन विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं। इसका कारण कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान और सर्वे रिपोर्ट की खराब स्थिति शामिल है। इसके बजाय नए और युवा चेहरों को मौका दिया जा सकता है।

अगले सप्ताह में जारी हो सकती है लिस्ट

2 सितंबर को होने वाली बैठक से पहले गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी उम्मीदवारों के नामों पर मंथन कर चुके हैं। बैठक में सर्वे रिपोर्ट, जिला प्रभारियों और संगठन मंत्रियों से संभावित दावेदारों की ली गई जानकारी के आधार पर सीटों को प्राथमिकता में रखकर रायशुमारी की जाएगी। वहीं पूर्व अध्यक्ष, पूर्व सासंद, पूर्व विधायक समेत वरिष्ठ नेताओं से भी बंद लिफाफे में नाम मांगे गए है। माना जा रहा है कि कांग्रेस 10-15 सितंबर तक 100 से ज्यादा नामों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है। खबर तो यह भी है कि इस पर कई सीटों पर चौंकाने वाले नाम भी हो सकते है।

मैदान में उतर सकते है दीपक जोशी

खबर है कि मालवा को मजबूत करने के लिए भाजपा से कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री दीपक जोशी को खातेगांव से मैदान में उतारा जा सकता है। वहीं हाटपिपल्या से उपचुनाव हारने वाले राजवीर सिंह को दोबारा मौका दिया जा सकता है। इसके अलावा कांग्रेस में जिताऊ और पिछली बार कम अंतर से हारे उम्मीदवार पर भी मंथन चल रहा है। खास करके उन सीटों पर फोकस किया जा रहा है, जिन पर 2018 में कांग्रेस कमजोर हुई थी और जिन पर वर्तमान में कांग्रेस विधायकों की स्थिति मजबूत है, कोई खींचतान या भितरघात का खतरा नहीं।

इन सीटों पर पहले हो सकता है प्रत्याशियों के नामों का ऐलान
जिन प्रत्याशियों की सूची जारी होगी, उसमें विधायकों के नाम शामिल रहेंगे।
कांग्रेस उस सूची पर विचार करेगी, जिस सूची में ऐसा प्रत्याशियों के नाम रहेंगे जो काफी कम वोटो के अंतर से हारे हैं।
सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धा वाली सीटों पर उम्मीदवारों का चयन होगा, पार्टी के नेताओं के मुताबिक सितंबर माह में लगभग सभी उम्मीदवारों के नाम घोषित हो जाएंगे।

कांग्रेस अपनी पहली सूची में 50 विधानसभा सीटों तराना, घटिया, खाचरोद, सोनकच्छ, राऊ, छिंदवाड़ा जिले की सभी सातों विधानसभा सीट, पिछोर, भोपाल उत्तर, राघोगढ़, खिलचीपुर, भोपाल मध्य, महेश्वर, कसरावद, बिछिया, डबरा, पेटलावद, कुक्षी, धरमपुरी, झाबुआ, जबलपुर पूर्व, बरगी, चित्रकूट, छतरपुर, बंडा, चाचौड़ा, गोहद, चंदेरी, सबलगढ़, शाहपुरा, गोटेगांव, अलीराजपुर, झाबुआ पर प्रत्याशियों की सूची जारी कर सकती है।