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39 का विरोध थमा नहीं, अब 61 पर और नाराजगियों की तैयारी, भाजपा जारी करेगी हारी सीटों की दूसरी सूचि

भोपाल। पिछले चुनाव हार का सामना कर सत्ता से बाहर होने के हालात बनाने वाली सीटों पर भाजपा की खास नजरें गढी हुई हैं। चुनाव पूर्व चुनाव की तैयारियों को पूरा करने की मंशा के साथ पार्टी ने करीब 39 सीटों के प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इसके बाद अगले सप्ताह में दूसरी सूची जारी करने की तैयारी की जा रही है, जिसमें हारी हुई बाकी 61 विधानसभा शामिल की जाएंगी। भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची से बने नाराजगी के हालात फिलहाल थमे नहीं हैं, ऐसे में यह दूसरी सूची पार्टी के लिए क्या स्थितियां बनाएगी, इस पर सबकी नजर जमी हुई है।

भाजपा की केन्द्रीय टीम द्वारा मप्र विधानसभा चुनाव को अपने हाथों में लेकर निर्णय लेना शुरू किए हैं। केन्द्रीय मंत्री अमित शाह की विशेष रुचि के साथ नरेन्द्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश के अन्य चुनाव प्रभारी चुनावी फैसले ले रहे हैं। इसके चलते चुनाव की घोषणा से पहले ही पार्टी ने 39 विधानसभा के प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश सीटों पर विरोध के बिगुल बजना शुरू हो गए हैं। इस स्थिति की उम्मीद पार्टी को पहले से ही थी, जिसके तहत तैयार रणनीति से नामों का ऐलान समय पूर्व किया गया है। अब इसी कड़ी में प्रदेश की 61 और विधानसभाओं के प्रत्याशियों के ऐलान की तैयारी की जा रही है। संभवतः अगले सप्ताह में इन नामों की घोषणा कर दी जाएगी। ताकि उम्मीदवारों को अपनी तैयारियों के लिए पर्याप्त समय मिल सके। साथ ही सामने आने वाली नाराजगी को भी आसानी से सुलझाया जा सके।

अधर में हैं आयातित विधायक

अभी तक जारी की विधानसभाओं में उन विधायक और मंत्री के नाम शामिल नहीं हैं, जिन्होंने पिछले चुनाव के बाद पार्टी बदलकर भाजपा के हाथ मजबूत किए थे। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादितय सिंधिया के समर्थक इन मंत्रियों और विधायकों को टिकट मिलेगा या नहीं, यह फिलहाल तय नहीं है। हालांकि लंबे समय से जारी सियासी चर्चाओं में इस बात को दोहराया जा रहा है कि प्रदेश के करीब 60 विधायकों को इस बात टिकट से वंचित किया जा सकता है। इनमें सिंधिया समर्थक विधायकों की भी बड़ी तादाद हो सकती है।

कांग्रेस देख रही सही मौका

भाजपा द्वारा घोषित किए गए नामों के बाद फिलहाल कांग्रेस वेट एंड वाॅच की मुद्रा बनाए हुए है। कहा जा रहा है कि वह संभवतः सितंबर के पहले सप्ताह में अपनी पहली सूची जारी करेगी। भाजपा द्वारा घोषित नामों के खिलाफ उम्मीदवार तय करने की उसकी रणनीति होगी। ताकि इन क्षेत्रों में कांग्रेस भी अपनी मजबूत पहचान और पकड खडी कर सके। अगर इस रणनीति पर पहली सूची जारी की गई तो संभवतः यहां जीत का सेहरा पहने हुए विधायकों को ही दोबारा चुनाव लडने का मौका मिल सकता है। उम्मीद यह भी की जा रही है कि कांग्रेस अपनी सूची जारी करने से पहले इस बात का इंतजार करे कि भाजपा की दूसरी सूची भी परिदृश्य पर आ जाए।