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देश मध्य प्रदेश

पार्टी नहीं, प्रत्याशी महत्वपूर्ण : मुस्लिम विकास परिषद का एजेंडा, जो करेगा समुदाय की समस्याओं पर बात, उसका देंगे साथ

भोपाल। चुनावी मुहाने पर खड़े मप्र में सियासी जमावटें होने लगी हैं। मुख्य राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस अपने मोहरे फिट करने में जुट गए हैं। ऐसे में सामाजिक संगठनों ने भी अपना एजेंडा तैयार कर पार्टियों के समक्ष अपना मांग पत्र रखने की तैयारी कर ली है। प्रदेश भर के मुस्लिमों को सहेजने वाली मप्र मुस्लिम विकास परिषद ने तय किया है कि वह किसी पार्टी को तवज्जो देने की बजाए संबंधित प्रत्याशी को तरजीह देंगे। जो मुस्लिम समुदाय की मूलभूत जरूरतों और सुविधाओं को जाने, समझे और माने, उनका वोट उसी की तरफ जाएगा। इस मंशा से आगाह कराने के लिए परिषद पदाधिकारी दोनों मुख्य दलों से मुलाकात करके अपनी बात रखेगा। साथ ही जरूरत के लिहाज से संबंधित प्रत्याशियों के समक्ष भी अपनी बात रखेगा।

मप्र मुस्लिम विकास परिषद की बुधवार को राजधानी भोपाल में आयोजित एक अहम बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक में परिषद पदाधिकारियों के अलावा शहर के बुद्धिजीवियों को भी शामिल किया गया था। परिषद अध्यक्ष मोहम्मद माहिर (एडवोकेट) ने बताया कि प्रदेश में किसी दौर में 20 से 22 तक विधानसभा सीटों पर मुस्लिम विधायकों की मौजूदगी हुआ करती थी। समयांतर के साथ ये आंकड़ा अब महज 2 सीटों पर सिमट गया है। भाजपा की पहली सूची में किसी मुस्लिम प्रत्याशी को मौका नहीं दिया गया है। जबकि पार्टी लगातार 2 चुनाव राजधानी भोपाल से मुस्लिम नेताओं को आगे बढ़ाती रही है। कमोबेश कांग्रेस के हालात भी इसी तरह के बने दिखाई दे रहे हैं, जो राजधानी की जीती जिताई दो सीटों से आगे बढ़ने की मंशा रखती नजर नहीं आ रही है।

33 सीटों पर मुस्लिम वोट

माहिर ने बताया कि प्रदेश करीब 33 विधानसभा सीटों पर मुस्लिम समुदाय के वोट का प्रतिशत 10 प्रतिशत से ज्यादा है। ये वोट इन सीटों का निर्णायक माना जाता है। इनमे राजधानी की नरेला विधानसभा भी शामिल है। जहां मुस्लिम बहुलता के बावजूद कोई पार्टी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान नहीं देना चाहता है।

अब होगी मांगों पर बात

मुस्लिम परिषद अध्यक्ष ने कहा कि अब किसी पार्टी की अंधता या किसी दल के विरोध से मुस्लिम समुदाय जुड़ा नहीं रहेगा, बल्कि वोट उसको ही देगा, जिनसे कौम की बेहतरी का आश्वासन मिलेगा। उन्होंने कहा कि समाज के शैक्षणिक, आर्थिक व उनके सामाजिक विकास को लेकर एक 13 सूत्रीय मांग पत्र तैयार किया गया। इस मांग पत्र को चुनाव से पूर्व सभी राजनैतिक दलों को दिया जाएगा। जो दल समाज को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने व उनकी समस्याओं पर ध्यान देगा, उस दल के बारे में समाज सकारात्मक रुख अपनायेगा अन्यथा अपने विधानसभा क्षेत्र में विकल्प रूप में ऐसे प्रत्याशी को वोट देगा, जो उनके विधानसभा क्षेत्र में उनकी समस्याओं और जरूरी विकास प्रति उन्हें आश्वस्त करें।

चलेगा जागरूकता अभियान

मोहम्मद माहिर ने बताया कि मुस्लिम विकास परिषद प्रदेश स्तर पर समाज में चुनाव लेकर जागरूकता अभियान चलायेगी, जिसमें लोगो को प्रेरित किया जायेगा कि अधिक से अधिक मतदान में हिस्सा लें ताकि समाज अपने संवैधानिक अधिकारों को सुरक्षित करने में सक्षम हो सके।