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देश मध्य प्रदेश

पटियों की चर्चाएं शहर में बना रही नए सियासी समीकरण: टिकट बंटवारे से लेकर जीत-हार तक तय हो रहा

भोपाल: चुनाव की तारीखों का ऐलान फिलहाल नहीं हुआ है। उम्मीदवारों के नामों पर भी अभी असमंजस के बादल छाए हुए हैं। चुनावी दंगल की शुरूआत भी नहीं हुई है, लेकिन पटियों पर होने वाली चर्चाओं में आगामी उम्मीदवारों नामों से लेकर उनकी जीत-हार तक तय कर दी गई है। राजधानी की दो विधानसभाओं से भाजपा के नाम सामने आ जाने के बाद इसकी शुरूआत हुई है और पटियेबाजी में चल रहीं चर्चाओं का केन्द्रबिंदु भी यही विधानसभा सीटें ही हैं।
उत्तर विधानसभा के बुजुर्ग और कद्दावर नेता पूर्व मंत्री आरिफ अकील द्वारा अपने वली-ए-अहद के रूप में आतिफ का नाम सार्वजनिक करने के बाद उत्तर विधानसभा के अगले समीकरण पर चर्चाएं गर्म हैं। पूर्व महापौर आलोक शर्मा की इस विधानसभा से भाजपाई उम्मीदवारी को सामने रखते हुए चर्चा गर्म हैं कि कांग्रेस से प्रस्तावित आतिफ अकील भाजपा के आलोक शर्मा की तुलना में कमजोर खिलाड़ी साबित होंगे। इस बात की दलील देते हुए कहा जा रहा है कि आलोक के साथ सत्ता का साध, भाजपा का तमगा और उनकी राजनीतिक समझ होगी, जबकि आतिफ इस मैदान के नए और कच्चे खिलाड़ी हैं।

सीट बदलाव

पटियेबाजों ने इस बात को भी पुख्ता खबर बनाकर प्रचारित करना शुरू कर दिया है कि अकील के मैदान से हटने के ऐलान के बाद उत्तर विधानसभा से आरिफ मसूद अपनी दावेदारी करेंगे। क्षेत्र से उनकी आसान जीत का दावा करते हुए यह चुनाव आलोक के लिए मुश्किल भरा बताया जाने लगा है। चर्चाकारों ने यह भी तय कर दिया है कि इस तरह मसूद की खाली होने वाली सीट पर कांग्रेस पीसी शर्मा को मौका देगी, जिससे पार्टी की यह सीट सुरक्षित रह सके। हालांकि आरिफ मसूद सार्वजनिक तौर पर इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि वे अपनी सीट पर ही मजबूत हैं और किसी बदलाव के पक्षधर नहीं हैं।

फिक्र यह भी उठ रही

उत्तर और मध्य की सीट बदला-बदली में इस बात की फिक्र भी पटियेबाजों को है कि मसूद के उत्तर की तरफ बढ़ जाने से मध्य से होने वाली पीसी शर्मा की दावेदारी प्रदेश की मुस्लिम दो सीटों में से एक की कमी खड़ी कर देगी। अब तक उत्तर और मध्य दो सीटों से मुस्लिम विधायक मौजूद हैं। हालांकि इस पटिया चर्चा में अगला तर्क यह भी जोड़ा जाता है कि संभवतः कांग्रेस एक मुस्लिम टिकट नरेला से भी दे सकती है, क्योंकि यहां भी मुस्लिम वोट प्रतिशत बहुत ज्यादा है, लेकिन यहां से अब तक किसी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया गया।

चर्चाओं का एक दौर यह भी

उत्तर और मध्य विधानसभा की मुस्लिम बहुल मतदाता मौजूदगी के बीच इस बात की चर्चा भी है कि संभवतः असद उद्दीन औवेसी की पार्टी एमआईएम भी अपनी ताकत यहां दिखाए। पटियेबाजों ने इसके लिए मशहूर शायर मंजर भोपाली की औवेसी के साथ वाली एक तस्वीर लहराते हुए इस बात को अवश्यंभावी करार दे दिया है कि मंजर इस चुनाव में एमआईएम के प्रत्याशी होंगे और उत्तर या मध्य से अपनी नई पारी शुरू करेंगे।