भोपाल। हजयात्रा 2025 के लिए घोषित की गई पॉलिसी न सिर्फ अब तक की सबसे जल्दी ऐलान की गई पॉलिसी है, बल्कि इसके मुताबिक शुरू होने वाली आवेदन प्रक्रिया भी “अतिशीघ्र” प्रतिक्रिया का हिस्सा कही जा सकती है। चयनित हाजियों से ली जाने वाली आवेदन राशि से जहां सरकार को करोड़ों रुपए मिलने की उम्मीद है। वहीं हज खर्च की पहली किस्त से मिलने वाले अरबों रुपए भी अब तक के इतिहास में सर्वाधिक इस्तेमाल में ली जाने वाली राशि कहलाएगी।
हज सफर पूरा हुए महज एक डेढ़ माह गुजरा है। इसके साथ ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने हज 2025 के लिए पॉलिसी जारी कर दी है। इसके मुताबिक अगले एक दो हफ्ते में ही अगले हज सफर के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक देशभर से हर साल हज सफर पर जाने वाले यात्रियों की संख्या 2 लाख पार होती है। इसके लिए आवेदन करने वालों की तादाद तय कोटे से 10 गुना तक ज्यादा होती है। आवेदन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद इनमें से कोटे के मुताबिक हजयात्रियों का चयन किया जाता है। इन चुने गए आवेदकों से हज कमेटी ऑफ इंडिया 300 रुपए शुल्क वसूल करती है। जिसके चलते उसके पास 60 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम जमा होने की उम्मीद है।
यह इस्तेमाल होगा कई महीने
आवेदन और चयन प्रक्रिया पूरी होने के तत्काल बाद चयनित आवेदकों से हज खर्च की पहली किस्त जमा करवा ली जाती है। अगस्त अंत या सितंबर पहले सप्ताह में होने वाले चयन के बाद उम्मीद की जा रही है कि अक्टूबर माह तक हाजियों से पहली किस्त के रूप में प्रति व्यक्ति 80 हजार से ज्यादा रकम जमा कराई जाएगी। अप्रैल या मई माह में होने वाले हज 2025 के लिए जमा होने वाली करीब एक अरब 60 करोड़ रूपए सेंट्रल हज कमेटी और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के इस्तेमाल में आती रहेगी।
हुए कई बदलाव
नई हज पॉलिसी कई लोगों को मायूस कर सकती है। कारण यह है कि अब हज यात्रियों को उम्र की सीमा में बांध दिया गया है। तय किया गया है कि अब हज सफर पर 18 से 65 वर्ष आयु वर्ग के लोग ही जा पाएंगे। इसी तरह बिना मेहरम के हज पर जाने वाली महिलाओं के लिए उम्र सीमा 45 से 60 वर्ष तक कर दी गई है।
=नई पॉलिसी में प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स के लिए कोटा बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। जबकि सरकारी कमेटियों को मिलने वाली कोटे की सीमा अब 70 फीसदी ही रह गई है।
=पहले बनाए जाने वाले चार लोगों के हज ग्रुप की बजाए अब पांच पांच लोगों के ग्रुप बनाए जाएंगे। इन ग्रुप्स में भी शामिल किया जा सकेगा।
=हज यात्रियों को मेडिकल स्क्रीनिंग और फिटनेस सर्टिफिकेट की अनिवार्यता कर दी गई है।
=हाजियों के साथ प्रदेश कमेटियों द्वारा भेजे जाने वाले खादिम उल हुज्जाज का नाम बदल दिया गया है। अब यह खादिम राज्य हज इंस्पेक्टर कहलाएंगे।