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मध्य प्रदेश

वारासिवनी से कांग्रेस प्रत्याशी होंगे विवेक विक्की पटेलगुरु और चेले की टक्कर आखिर कौन मारेगा बाजी

प्रवीण शुक्ला

बालाघाट:वारासिवनी:-मध्यप्रदेश में राजनैतिक पारा सातवें आसमान पर है। बालाघाट में भी विधानसभा चुनाव करीब आते ही राजनैतिक गतिविधियां तेज हों गई है।वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र से 4 बार विधायक रहे पूर्व खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल को टक्कर देने के लिए इस बार कांग्रेस ने एक नए व युवा चेहरे को मैदान में उतारा है।कांग्रेस ने इस सीट से विवेक विक्की पटेल को टिकिट दिया है।गुरुवार 19 अक्तूबर की देर रात प्रदेश कांग्रेस द्वारा जारी प्रत्याशियों की सूची में वारासिवनी से विवेक विक्की पटेल का नाम घोषित किया गया।इसकी खबर लगते ही देर रात में ही बालाघाट रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं व पटेल समर्थको ने जोरदार आतिशबाजी की व विक्की पटेल के समर्थन में जमकर नारेबाजी करते हुए अपनी खुशी का इजहार किया।स्वयं को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जानें पर विवेक विक्की पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ कमलनाथ जी सहित अपने सभी कार्यकर्ताओं सहयोगियों का आभार जताया है।उन्होंने कहा है कि मैं कोई नेता नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी का एक जाबांज कार्यकर्ता हु।कांग्रेस पार्टी की ओर से मैं नही मेरे सभी कार्यकर्ता और आम जनता चुनाव लड़ रही है।भाजपा के शासन में देश व मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार व महंगाई चरम पर है।आम जनता इससे बेहद परेशान है।जनता अच्छे से समझ चुकी है कि अब वक्त बदलाव का है।इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी का प्रत्येक निष्ठावान कार्यकर्ता भाजपा द्वारा छीने गए जनादेश को पुन वापस पाने के लिए कड़ा संघर्ष और मेहनत कर रहा है।

गुरु और चेले की टक्कर,आखिर कौन मारेगा बाजी

आप को बता दे विवेक विक्की पटेल विगत कई वर्षों से कांग्रेस पार्टी के सक्रिय व समर्पित कार्यकर्ता रहते हुए संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके है।कुछ समय पहले विवेक विक्की पटेल तत्कालीन कांग्रेस विधायक प्रदीप जायसवाल के बेहद करीबी भी रहें है।इसी दौरान वारासिवनी नगर पालिका के अध्यक्ष भी रह चुके है।यही वजह है कि प्रदीप जायसवाल व विवेक विक्की पटेल को गुरु चेले के रूप में भी जाना जाता रहा है हालाकि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदीप जायसवाल को कांग्रेस की टिकिट नहीं मिलने के बाबजूद विवेक विक्की पटेल ने उनका साथ नहीं छोड़ा प्रदीप जायसवाल चुनाव जीते और कमलनाथ सरकार खनिज मंत्री बनाए गए लेकिन कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद प्रदीप जायसवाल ने भाजपा सरकार को समर्थन दे दिया।उसके बाद से ही विवेक विक्की पटेल ने प्रदीप जायसवाल का साथ छोड़ कांग्रेस संगठन की नीव मजबूत करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया।और गांव गांव का दौरा कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सजग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।यही वजह है कि आज कांग्रेस पार्टी ने विवेक विक्की पटेल को कांग्रेस प्रत्याशी बनाकर उनके पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा समर्पण और अथक परिश्रम को सम्मानित किया है।फिलहाल प्रदीप जायसवाल का भाजपा से चुनाव लड़ना बिलकुल तय माना जा रहा है।ऐसे में कांग्रेस द्वारा विवेक विक्की पटेल को मैदान में उतारने से कड़ी टक्कर होने के आसार है।वही गुरु और चेले की लड़ाई में कौन बाजी मारेगा यह देखना अब लाजमी होगा।