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मध्य प्रदेश

दिसंबर में होगा आलमी तब्लीगी इज्तिमा, 8 से होगा आगाज,11 को दुआ-ए-खास

भोपाल:दुनिया के चार बड़े मजहबी समागम में शामिल भोपाल का आलमी तब्लीगी इज्तिमा इस बार दिसंबर माह में आयोजित किया जाएगा। दिल्ली मरकज से इसके लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। इज्तिमा का आगाज 8 दिसंबर को जुमा की नमाज के साथ होगा। चार दिन चलने वाले इस कार्यक्रम का समापन सोमवार 11 दिसंबर को दुआ-ए-खास के साथ होगा।

आमतौर पर नवंबर माह में होने वाले आलमी तब्लीगी इज्तिमा का आयोजन इस बार दिसंबर माह में किया जाएगा। नवंबर में होने वाले मप्र विधानसभा चुनाव के चलते तारीखों को बदला गया है। दिल्ली मरकज से बुधवार को तय की गई तारीखों के मुताबिक इज्तिमा की शुरूआत 8 दिसंबर को होगी। जबकि इसकी दुआ-ए-खास 11 दिसंबर को की जाएगी। आलमी तब्लीगी इज्तिमा के प्रवक्ता अतीक उल इस्लाम ने बताया कि इस चार दिवसीय धार्मिक समागम को संबोधित करने के लिए देश के बड़े उलेमा तशरीफ लाएंगे। आयोजन में देश-विदेश की सैंकड़ों जमातें शामिल होंगी। उन्होंने बताया कि लगातार बढ़ रही जमातियों की तादाद के लिहाज से अंदाज लगाया जा रहा है कि इस साल इज्तिमा में 10 लाख से ज्यादा लोग शिरकत करेंगे। अतीक उल इस्लाम ने कहा कि आयोजन की तैयारियों का दौर जल्दी ही शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए ईंटखेडी घासीपुरा स्थित इज्तिमागाह की सफाई, पाइप लाइन आदि के कामों को पहले अंजाम दिया जाएगा। इसके बाद सड़क, बिजली, पानी और पांडाल आदि लगाने के काम शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न तैयारियों के लिए अलग-अलग सरकारी विभागों को चिट्ठी भेजी जा रही है।

दुनिया के बड़े समागम में शामिल

भोपाल में होने वाला आलमी तब्लीगी इज्तिमा दुनिया के सबसे बड़े चार धार्मिक समागम में शामिल किया जाता है। सबसे बड़ा मजमा हज के दौरान मक्का और मदीना में होता है। जहां करीब 40 लाख लोग जमा होते हैं। जबकि बांग्लादेश और पाकिस्तान में होने वाले आलमी तब्लीगी इज्तिमा में शामिल होने वाली जमातों की तादाद के लिहाज से बड़े आयोजन माने जाते हैं। गौरतलब है कि भोपाल में आलमी इज्तिमा का यह 77वां साल होगा।

पाकिस्तान की जमात पर पाबंदी

आलमी तब्लीगी इज्तिमा में दुनियाभर की जमातें शामिल होती हैं। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, बांग्लादेश, साउथ अफ्रीका, जार्डन, अफगानिस्तान, कनाडा, अमेरिका आदि देश शामिल होते हैं। लेकिन पाकिस्तान से बिगड़े ताल्लुकात के चलते पिछले कई सालों से यहां की जमातों पर पाबंदी लगा दी गई है। अतीक उल इस्लाम ने बताया कि यह पाबंदी इस साल भी जारी रहेगी।