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आलोक पर जांच का शिकंजा, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का नोटिस

भोपाल। मुस्लिम समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में राष्ट्रीय अल्पसंखयक आयोग ने राजधानी भोपाल के पूर्व महापौर आलोक शर्मा को नोटिस जारी किया है। मुख्य सचिव को भेजे गए इस नोटिस पर आयोग ने 21 दिन में जवाब तलब किया है। आलोक को यह नोटिस उस समय जारी किया गया है, जब उन्हें मप्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर विधानसभा से अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उस भड़काऊ और मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाले बयान को लेकर शिकायत की थी, जिसमें आलोक समुदाय के लोगों को वोट न करने की बात कर रहे हैं। रतलाम जिले के जावरा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ये भाषण मंच से दिया था। इस बीच वे मुस्लिम समुदाय को देश और समाज के प्रति बेवफाई करने वाला भी साबित करते सुनाई दिए थे। हालांकि उन्हें इस बात का अहसास भी हो गया था कि वे जो कह रहे हैं, वह अशोभनीय और गैर तथ्यात्मक है। जिसके चलते वे मीडिया को अपने कैमरे बंद करने की ताकीद करते भी नजर आए थे। उनकी इस गुजारिश के बाद भी इस भड़काऊ भाषण की खबरें अखबारों और न्यूज चैनलों पर प्रकाशित और प्रसारित हुई थीं।

उम्मीदवारी के बाद पकड़ा तूल

जानकारी के मुताबिक भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक शर्मा ने ये विवादित बयान संभवतः 12 अगस्त को दिया था। इसके कुछ दिनों बाद भाजपा ने अपने 39 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया। जिसमें आलोक शर्मा को भोपाल उत्तर से प्रत्याशी बनाया गया है। मुस्लिम बहुल इस सीट से आलोक का नाम घोषित होते ही उनके द्वारा मुस्लिमों के खिलाफ दिए गए बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

नफरत फैलाओ, कामयाब हो जाओ


प्रदेश भाजपा के कुछ नेताओं ने मुस्लिम विरोधी बयान को सफलता का आसान और शॉर्ट कट मान लिया है। यही वजह है कि वे मौके बे मौके इस तरह की ऊल जलूल बयानबाजी करके पार्टी और हिंदूवादी धारणा के लोगों की नजरों में हीरो बनने में लगे रहते हैं। इसी मानसिकता के लोगों में आलोक शर्मा का नाम भी शामिल है। जो कभी नवाब शासन को अत्याचार का पर्याय करार देते हैं तो कभी उन्हें देश की आजादी का विरोधी बता देते हैं। इतिहास की कम समझ के साथ दिए जाने वाले आलोक ने बयानों से मुस्लिम समुदाय को टारगेट करने की रणनीति बना रखी है। इसके अलावा भी वे कभी खुद को बर्रू कट और कभी शहर का सबसे बड़ा खैरख्वाह साबित करने की होड़ में मुस्लिम समुदाय को नीचा दिखाने की कोशिश करते आए हैं।

मुश्किल में पड़ सकता है टिकट

समय पूर्व घोषित किए गए 39 टिकटों में से अधिकांश सीटों पर भाजपा को अपने ही लोगों का विरोध और नाराजगी झेलना पड़ रही है। इस कड़ी में आलोक शर्मा के साथ जुड़े विवाद भी भाजपा की मुश्किल बढ़ा रहे हैं। भाजपा की महत्वाकांक्षा वाली उत्तर विधानसभा सीट पर ये घमासान जारी रहा तो संभव है भाजपा अपना फैसला बदलकर उनके स्थान पर किसी नए चेहरे को मौका दे दे।