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मध्य प्रदेश

गर्रा नवेगांव सड़क को स्पीड ब्रेकर नही मेंटेनेंस की दरकार

सरकार से तनख्वाह लेकर ठेकेदार को फायदा पहुंचा रहे जिम्मेदार

प्रणित शुक्ला

बालाघाट:वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गर्रा नवेगांव सड़क अब धीरे धीरे गड्ढों में तब्दील होते जा रहा रही है।गर्रा से वारासिवनी और वारासिवनी से मोवाड़ तक इस सड़क पर जगह जगह बड़े गड्ढे हो गए।मैंहंदीवाडा से झालीवाडा कौलीवाडा में तो इस सड़क के परखच्छे तक उड़ गए है। सड़क निर्माण के बाद से इस सड़क पर कोई मेंटेनेंश नही किया गया है।करोड़ों की लागत से बनाई गई इस सड़क को मेंटेनेश की दरकार है।लेकिन सड़क विकास निगम के जिम्मेदारों की मेहरबानी से सड़क के मेंटेनेंस के नाम पर जगह जगह स्पीड ब्रेकर बनाकर लाखो रूपए की बंदरबांट कर ली गई है।गौरतलब है कि वारासिवनी अनुभाग को खैरलांजी के खैरी व मोवाड़ के रास्ते सीधे महाराष्ट्र से जोड़ने वाला यह सड़क मार्ग चिकित्सा व परिवहन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।इस मार्ग से तुमसर होते हुए कुछ ही घंटो में महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर तक पहुंचा जा सकता है।लंबे समय से जर्जर रही इस सड़क के निर्माण की कहानी भी बेहद दिलचस्प रही है।वर्ष 2013 मे विधानसभा चुनाव में यह जर्जर सड़क एक बड़ा मुद्दा रही और जीत का हैट्रिक लगाने वाले तत्कालीन विधायक को हराकर वारासिवनी खैरलांजी क्षेत्र की जनता ने पहली बार कमल पर भरोसा जताते हुए भाजपा के डॉ योगेंद्र निर्मल को विधायक चुना था।आपको बता दे उक्त सड़क निर्माण के लिए कभी महज 17 लाख रूपए में टेंडर जारी हुआ था।बावजूद इसके यह मार्ग सालो तक जर्जर पड़ा रहा।और वर्ष 2019 में मप्र सड़क विकास निगम द्वारा लगभग 97 करोड़ की लागत से इस सड़क मार्ग का निर्माण करवाया गया है।और जिम्मेदारों की लापरवाही से यह मार्ग अब एक बार फिर खस्ताहाल होता जा रहा है।जो कि स्थानीय राहगीरों की परेशानी बनने के साथ साथ हादसों का सबब भी बनते जा रहा है।

सरकार से तनख्वाह लेकर ठेकेदार को फायदा पहुंचा रहे जिम्मेदार

इस सड़क के निर्माण की कहानी बड़ी रोचक रही है। दरअसल मध्यप्रदेश सड़क विकास द्वारा जारी इस सड़क निर्माण का टेंडर लगभग 97 करोड़ रुपए मे कल्याण टोल प्लाजा नामक कंपनी ने लिया था,लेकीन कल्याण टोल ने रामराज कंस्ट्रक्शन कंपनी को उक्त सड़क निर्माण कार्य पेटी कांटेक्ट पर दे दिया था।और वर्ष 2019 मे रामराज कंपनी द्वारा उक्त 47 किलोमीटर की सड़क का निर्माण पूर्ण कर लिया गया।तब से लेकर आज तक कंपनी द्वारा उक्त सड़क का कोई मेंटेनेंस नही करवाया गया।जबकि अनुबंध के अनुरूप ठेकेदार द्वारा इस सड़क का नियमानुसार मेंटेनेंस किया जाना चाहिए।लेकिन न तो ठेकेदार ने कोई मेंटेनेंस करवाया और न ही सड़क विकास निगम के अधिकारियों ने तेजी से गड्ढों मे तब्दील हो रही सड़क की ओर कभी कोई ध्यान दिया। सरकार से प्रतिमाह मोटी तनख्वाह लेने वाले सड़क विकास निगम के जिम्मेदारों ने हमेशा ही ठेका कंपनी को लाभ पहुंचाने का काम बेहद ईमानदारी से किया। जब भी इस सड़क पर हुए गड्ढों या अन्य कोई शिकायत हुई तो कुछ स्थानों पर गड्ढे भरकर खानापूर्ति करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों ने शिकायत को दबाने का कार्य किया।लेकिन कभी सड़क का मेंटेनेंस करवाए जाने में कोई रुचि नहीं ली गई। ठेका कंपनी तो प्रोजेक्ट पूरा कर यहां से चली गई।लेकिन सड़क विकास निगम के कुछ अधिकारी उनके एजेंट के भांति उनके लिए काम कर रहे है।लिहाजा इस अंतर्राज्यीय सड़क की स्थिति दिन ब दिन और जर्जर होती जा रही है।वारासिवनी नगर से गुजरी इस सड़क के किनारे बनाई गई नालियां भी स्थानीय लोगो के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।तकनीकी मापदंडो की अनदेखी और स्थानीय प्रशासन से पर्याप्त तालमेल से बनाई गई नाली शोभा की सुपारी बनी हुई है। वार्ड नंबर 4 में बनाई गई नाली में अनबने ढलाव की वजह से पानी निकासी नहीं होने से बरसात में पानी घरों मे घुस जाता है यही हाल वार्ड नंबर 1 पूर्व सांसद केडी देशमुख के घर के आगे भी है। जिस पर न तो स्थानीय प्रशासन ने कभी ध्यान दिया न सड़क विकास निगम के जिम्मेदारों ने फिलहाल यह समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कुछ ही दिनो मे सड़क निर्माण कंपनी का अनुबंध खत्म होने वाला है। ऐसे में बिना मेंटेनेंस किए निर्माण कंपनी सड़क विकास निगम के अधिकारियों से सांठगांठ कर अपनी प्रतिभूति राशि निकाल लेगी और सड़क का मेंटेनेंस करवाने के लिए शासन को अतिरिक्त बजट स्वीकृत करना पड़ जाएगा।सड़क की दुर्दशा व मेंटेंनेंस को लेकर सीएम हेल्प लाईन में शिकायत किए जाने के बाद वारासिवनी बालाघाट रोड पर बनियाटोला मे सीमेंट से गड्ढों को भरा गया है।जो कि विभागीय खानापूर्ति को साफ साफ उजागर कर रहा है।